FIRST LAW OF THERMODYNAMICS IN HINDI उष्मागतिकी का प्रथम नियम

उष्मागतिकी का प्रथम नियम (FIRST LAW OF THERMODYNAMICS) :


उष्मागतिकी के प्रथम नियम (उर्जा संरक्षण नियम) के अनुसार ,
"उर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, लेकिन उर्जा को एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।" 
(Energy can not be created or destroyed although it may be converted from one from to other.)


इस नियम से यह स्पष्ट है कि जब एक प्रकार की उर्जा की कोई मात्रा लुप्त होती है तो उसके तुल्य दुसरे उर्जा अवश्य प्रकट होती है। 
उष्मागतिकी के प्रथम नियम को इस प्रकार से भी व्यक्त किया जाता है,
किसी निकाय और उसके परिवेश की कुल उर्जा स्थिर रहती है, लेकिन उर्जा एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। 
(The totle energy of a system and its surroundings must remain constant although it may be changed from one from to another.)
Or
एक वियुक्त निकाय (isolated system) की अंतरित उर्जा स्थिर रहती है। 
(The internal energy of an isolated system is constant.)



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