The Secret of Health, Success and Power Complete Notes in Hindi UP Board Class 12 English Prose Solution Para 6 to 16 in Hindi

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सम्पूर्ण पाठ का हिंदी में अनुवाद

Para 6:  सच्चा स्वास्थ्य और सच्ची सफलता साथ-साथ चलती है, क्योंकि वे विचारों के राज्य में इस प्रकार घुले-मिले

हुए हैं कि वे अलग नहीं हो सकते। विश्वास की शक्ति से प्रत्येक स्थायी महत्त्व का कार्य सम्पन्न हो जाता है। ईश्वर में विश्वास ब्रह्माण्ड को शासित करने वाले नियम में विश्वास अपने कार्य में विश्वास और उस कार्य को समाप्त करने की अपनी शक्ति में विश्वास जीवन में यह विश्वास आपके क्रियाकलाप का आधार बने यदि आप सफलता चाहें, यदि आप खड़ा होना चाहें और न गिरें। सभी परिस्थितियों में आप अपनी अन्तरात्मा की आवाज का अनुसरण करें सहज अच्छाई के प्रति सदैव सत्य रहें; आत्मा की अचूक आवाज़, जो हमारे जीवन की सच्ची पथ-प्रदर्शक है, के अनुसार कार्य करें और उस पर निर्भर रहें; निर्भीक तथा शान्त हृदय से अपने उद्देश्य का अनुगमन करें, यह विश्वास करें कि भविष्य आपके प्रत्येक विचार और प्रयास की आवश्यकता को पूरा करेगा; यहविश्वास करें कि अच्छे कार्यों के अच्छे और बुरे कार्यों के बुरे परिणाम होते हैं। यह ब्रह्माण्ड का नियम है, और यदि आप अच्छा करेंगे तो अच्छा पाएँगे और बुरा करेंगे तो बुरा पाएंगे। यह विश्वास है और विश्वास का जीवन हैं। ऐसे विश्वास की शक्ति से जीवन में प्रत्येक चीज़ सुनिश्चित हो जाती है, भयंकर कठिनाइयों भी झुक जाती है तथा विश्वासी आत्मा बिना किसी हानि के आगे बढ़ जाती है। हे पाठक! प्रत्येक चीज़ से ऊपर इस निर्भीक विश्वास की अमूल्य सम्पत्ति प्राप्त करने का प्रयास करें, क्योंकि यह प्रसन्नता, सफलता, शान्ति, शक्ति तथा उन सब चीज़ों, जो कष्ट के सापेक्ष जीवन को उदात्त तथा श्रेष्ठ बनाती हैं, का ताबीज है। यदि आप ऐसे विश्वास पर निर्माण करते हैं तो आप उसकी स्थायी रूप से दृढ़ नीव रखते हैं और शाश्वत सामग्री का प्रयोग करते हैं, और वह ढाँचा, जो आप खड़ा करेंगे, कभी नहीं गिरेगा, क्योंकि वह सांसारिक सम्पत्तियों, जिनका अन्त शून्य हैं; से उत्तम होगा। चाहे आप दुःख के गहरे सागर में फेंक दिए जाएँ या आनन्द के शिखर पर बिठा दिए जाएँ, इस विश्वास पर सदैव अपना अधिकार बनाए रखें, सदैव इस शक्तिशाली शरण प्रदान करने वाले स्थान पर वापस आएँ और इसकी दृढ़ नींव पर अपने पैर जमाकर रखें। ऐसे विश्वास में केन्द्रित होकर, आपके अन्दर ऐसी आध्यात्मिक शक्ति आ जाएगी जो बुराई की ताकतों को, जो आपके ऊपर उड़ेली जाती है, ऐसे विनष्ट कर देगी, जैसे- काँच के बहुत से खिलौने टूटकर चकनाचूर हो जाते हैं तथा आप ऐसी सफलता प्राप्त करेंगे जिसको सांसारिक आनन्द खोजने वाला कभी जान भी नहीं पाएगा और यहाँ तक कि वह उसकी कल्पना भी नहीं कर सकेगा।

Para 7: यदि इस विश्वास का वास आपमें हो जाए तो आपको अपने भविष्य की सफलता या असफलता के बारे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और सफलता प्राप्त होगी। आपको परिणाम के बारे में चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, परन्तु प्रसन्नतापूर्वक तथा शान्तिपूर्वक कार्य कीजिए, यह जानते हुए कि सही विचार और सही प्रयास अपरिहार्य रूप से सही परिणाम देंगे।

Para 8: आपकी सफलता, आपकी असफलता, आपका प्रभाव, आपका सम्पूर्ण जीवन जो आप व्यतीत कर रहे हैं, आपको नियन्त्रण करने वाली विचारधाराएँ आपके भाग्य के निर्णायक कारक है। जीवित, विशुद्ध और प्रसन्न विचार प्रेषित कीजिए और आपके हाथों में आशीर्वाद टपकेगे और आपकी मेज पर शान्ति का कपड़ा बिछेगा। घृणित, अशुद्ध और दुखदायी विचार प्रेषित कीजिए और आपके ऊपर अभिशापों की वर्षा होने लगेगी, और भय तथा अशान्ति के कारण आपको नींद भी नहीं आएगी। आप अपने भाग्य के एकमात्र विधाता है, वह भाग्य कुछ भी हो। आप प्रत्येक क्षण ऐसे प्रभाव प्रेषित करते रहते हैं जो आपके जीवन को बनाएंगे या नष्ट करेंगे। आपका हृदय विशाल, स्नेहयुक्त निःस्वाथी और ओजस्वी बने तो आपका प्रभाव और सफलता स्थायी होंगे, भले ही आप कुछ धन न कमाएँ। आप अपने हृदय को स्वहितों की ढंग सीमाओं में सीमित करें और भले ही आप लखपति बन जाएँ, आपका प्रभाव और सफलता अन्त में पूरी तरह से महत्त्वहीन होंगे।

Para 9; तब इस शुद्ध और निःस्वार्थ भावना को विकसित करें और अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्थन को पवित्रता तथा विश्वास के साथ मिलाएँ तो आप अपने हृदय से मूल तत्त्व बाहर निकालेंगे जो केवल पूर्ण स्वास्थ्य तथा स्थायी सफलता ही नहीं लायेंगे अपितु दिव्यता और शक्ति भी प्रदान करेंगे।

Para 10: आपका कार्य कुछ भी हो, अपना पूरा मस्तिष्क उस पर लगाएँ, अपनी क्षमता के अनुसार अपनी पूरी शक्ति उसमें झोंक दें। छोटे कार्यों के त्रुटिहीन समापन अपरिहार्य रूप से और बड़े कार्यों की ओर मार्ग प्रशस्त करते हैं। ध्यान दें, ऊपर चढ़ने की आपकी गति नियमित हो और आप ऊपर उठ जाएं, तो आप कभी नीचे नहीं गिरेंगे। और इस बात में सच्ची शक्ति का रहस्य निहित है। लगातार अभ्यास से आप सीखेंगे कि अपने संसाधनों को सही ढंग से व्यवस्था कैसे की जाए और उनको किसी भी क्षण एक विशेष कार्य के लिए कैसे संकेन्द्रित किया जाए। मूर्ख लोग अपनी समस्त मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति का मूर्खतापूर्ण कार्यों, बकवास या स्वार्थपूर्ण दलील में बरबाद करते हैं, हानिकारक शारीरिक कार्य; जैसे- आवश्यकता से अधिक खाना-पीना, जो स्वास्थ्य खराब करते हैं उनका तो क्या उल्लेख किया जाए।

Para 11: यदि आप दूसरों पर विजय प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको मस्तिष्क की शान्ति और सन्तुलन विकसित करना चाहिए। आप में अकेला खड़े होने की शक्ति होनी चाहिए। सब शक्ति दृढ़ता से जुड़ी होती है। पर्वत, विशाल चट्टान, शाहबलूत का वृक्ष जो तूफानों में भी दृढ़ खड़ा रहता है— ये सभी हमें शक्ति का सन्देश देते हैं, क्योंकि उनमें एकान्त की शान और ऐसी दृढ़ता, जो कभी हिल न सके, मिली होती है; जबकि उड़ने वाली रेत, झुकने वाली टहनी और हिलती हुई नरकुल हमें कमजोरी का सन्देश देते हैं, क्योंकि वे हिलने वाले हैं तथा अवरोधशून्य हैं और वे जब अपने साथियों से अलग हो जाते हैं तो पूर्णरूपेण बेकार हो जाते हैं। वह व्यक्ति शक्ति वाला होता है जो, जब उसके सभी साथी किसी मनोवेग या वासना द्वारा पृथक हो जाते हैं, शान्त तथा स्थिर रहता है।

Para 12: वही व्यक्ति दूसरों पर नियन्त्रण रखने के लिए उपयुक्त है, जो स्वयं को नियन्त्रित तथा आदेशित करने में सफल रहा है। मिर्गीग्रस्त, भयभीत विचारहीन और मूर्ख लोग ऐसे हैं जो संगति की तलाश करते रहते हैं अन्यथा वे सहारा न मिलने पर गिर जाएँगे परन्तु शान्त, निर्भीक, विचारशील और गम्भीर लोग ऐसे हैं जो यदि पर्वत के शिखर पर भी चढ़ तो उनकी शक्ति में और शक्ति जुड़ जाएगी और वे अधिकाधिक सफलतापूर्वक बुरे प्रभावों और मुसीबतों, जो मानव जाति को घेरे रहती हैं, को नियन्त्रित कर सकेंगे।

Para 13: वासना शक्ति नहीं है; वह शक्ति का दुरुपयोग है। शक्ति का बिखराव करना शक्ति को कमजोर करना है। वासना क्रुद्ध तूफान के समान होती है, जो मजबूती से सुरक्षित चट्टान पर भयानक रूप से तथा जंगली ढंग से टकराती है, जबकि शक्ति स्वयं चट्टान के समान होती हैं जो तूफानों में भी शान्त तथा अडिग रहती है।

Para 14: यदि आपमें यह शक्ति नहीं है तो आप इसको अभ्यास द्वारा प्राप्त कर सकते हैं और शक्ति का आरम्भ, ज्ञान के आरम्भ के समान होता है। आप उन बेकार की बातों में व्यर्थ लगे रहते हैं, जान-बूझकर उनके शिकार होते रहे हैं, उन पर विजय प्राप्त करके आपको यह कार्य आरम्भ करना चाहिए। जोर से तथा हिंसा से और बिना नियन्त्रण की हँसी, बदनाम करनेवाली तथा भूर्ख बाल और केवल हँसाने के लिए मजाक करना इन सब चीज़ों को उठाकर एक ओर रख दीजिए, क्योंकि इनमें मूल्यवान शक्ति बरबाद होती है।

Para 15: सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि केवल एक उद्देश्य मन में रखिए, आपका उद्देश्य वैध तथा लाभदायक हो और पूरे मन से इसमें जुट जाइए। आपको कोई भी चीज़ इस उद्देश्य से एक ओर न हटाए; स्मरण रखिए, "वह व्यक्ति, जिसके मन में बहुत-से उद्देश्य होते हैं, सब प्रकार से अस्थिर होता है।" सीखने के लिए उत्सुक रहिए, परन्तु माँगने में सुस्त रहिए। अपने कार्य की पूरी जानकारी रखिए और यह समझदारी आपकी अपनी हो और जैसे जैसे आप आगे बढ़ते हैं, अपनी आत्मा की पथ-प्रदर्शक, त्रुटिविहीन आवाज़ का अनुसरण करिए तो आपको एक विजय के पश्चात् दूसरी विजय प्राप्त होती और आप धीरे-धीरे एवं प्रतिष्ठा के पद तक उठेंगे और आपका सदैव विस्तृत होने वाला दृष्टिकोण आपके समक्ष जीवन का आवश्यक उद्देश्य और सौन्दर्य धीरे-धीरे प्रकट करेगा। आप स्वयं में पवित्र हैं तो आपको स्वास्थ्य प्राप्त होगा; यदि आप में सुरक्षित विश्वास है तो आपको सफलता प्राप्त होगी; आपका स्वयं पर नियंत्रण है तो आपको शक्ति प्राप्त होगी, और आप जो भी करेंगे उसमें प्रगति होगी, क्योंकि यदि आप एक अविभाजित इकाई तथा स्वयं को दास न बनाने वाले हो जाएँ तो ईश्वरीय नियम, जिससे ब्रह्माण्ड चलता है, के साथ आप समरस हो जाएँगे; आपको ब्रह्माण्ड के जीवन तथा शाश्वत अच्छाई के नियम के विरुद्ध नहीं अपितु उसके साथ कार्य करना चाहिए। इससे आप जो स्वास्थ्य प्राप्त करते हैं वह स्थायी होगा; आप जो सफलता प्राप्त करें, आप अपनी सफलता की गणना नहीं कर सकेंगे और वह कभी समाप्त नहीं होगी, और आप जो प्रभाव तथा शक्ति धारण करेंगे वह युगों तक बढ़ता चला जाएगा, क्योंकि वह उस अपरिवर्तनीय सिद्धान्त का एक अंग होगा जो ब्रह्माण्ड को गतिशील रखता है।

Para 16: इस प्रकार तब स्वास्थ्य का रहस्य यह हुआ— विशुद्ध हृदय और सुसंयमित मस्तिष्क, सफलता का रहस्य यह हुआ- अविचलित एवं स्थिर विश्वास और ऐसा उद्देश्य जो बुद्धिमानी से चुना गया हो; और बासना के काले घोड़े को स्थिर दृढ़ इच्छा शक्ति से काबू करना-शक्ति का रहस्य है।


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