Hindi Notes

The inventor who kept his promise - About Thomas Alva Edison and their main points

Act-2


कुछ समय के बाद एडिसन को अपने प्रयोगों को जारी रखने के लिए और अधिक धन की आवश्यकता का बोध हुआ। वह और अधिक पुस्तकें पढ़ना चाहता था क्योंकि जितनी भी पुस्तकें घर पर थीं, वह उन सबको पढ़ चुके था। वह नए स्थानों और नए जगह हो और नए व्यक्तियों को देखने के लिए बाहर जाना चाहता था।

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 वह नई पुस्तकों को पढ़कर अपने ज्ञान को बढ़ाना चाहता था अतः उसने रेलवे में नौकरी करने का निश्चय किया। सर्वप्रथम उसके माता-पिता को उसका यह विचार अच्छा नहीं लगा क्योंकि उसकी अवस्था इस समय केवल 12 वर्ष की ही थी। 

लेकिन जब उसने अपने इस निर्णय का समुचित का हाल बताया तो उन्होंने उसे अपनी सहमति प्रदान कर दी अतः एडिसन समाचार पत्र बेचने वाला बालक बन गया और रेल द्वारा डेट्रॉइट (Detroit) आने जाने लगा। उसने समाचार पत्र, मिठाईयां और फल बेचे इस प्रकार उसने पहले ही दिन $2 कमाए ,उस रात को शाम के भोजन के समय उसने अपनी माता से कहा, "मां यह डॉलर आप लीजिए। 
जो कुछ भी मैं कमा ऊँगा, उस में से प्रत्येक रात्रि को मैं आपको $1 दिया करूंगा।" और उसने अपना वचन पूरा किया।

एक या दो वर्ष के बाद एडिसन ने अपना समाचार पत्र निकाला। उसने एक पुराना छापाखाना खरीदा और रेल गाड़ी के अपने डिब्बे में इसे लगाया। उसने अपने समाचार पत्र को संपादित किया तथा छापा, और समाचार पत्र की कॉफी प्रतियां बेची।
 इस प्रकार उसने और अधिक धन कमाया समाचार पत्र की प्रतियां बेचने से जो धन उसे प्राप्त हुआ या मिला, उससे उसने अपनी एक छोटी सी प्रयोगशाला रेलगाड़ी के अपने डिब्बे में स्थापित की।

जब वह 15 वर्ष का था तो एक दुर्घटना घटी जिसने उसके जीवन -चक्र को प्रभावित कर दिया। जब वह प्रयोगशाला में प्रयोग कर रहा था, एक कोने पर रेलगाड़ी गाड़ी मुड़ी। एकदम झटका लगा और थोड़ा-सा फास्फोरस (Phosphorus) उसके डिब्बे के फर्श पर गिर पड़ा और उसमें आग लग गई।



Note; फास्फोरस बहुत ही ज्वलनशील पदार्थ होती है यह थोड़े से ही हवा की उपस्थिति में इसमें आग लग सकती है अतः यही कारण है कि फास्फोरस को हमेशा मिट्टी के तेल में रखा जाता है।

 आग बुझाने से पहले ही समाचार पत्रों में आग लग गई। आग फैलने लगी और एडिसन सहायता के लिए चिल्लाया। रेलवे का गार्ड उसके डिब्बे में आया और दोनों ने मिलकर आग पर काबू किया, लेकिन यह एडिसन की रेल सेवा का अंत था। आगे की दूसरे स्टेशन पर उसे रेल सेवा से मुक्त कर दिया गया।

अगले 5 वर्षों में एडिसन ने विभिन्न नगरों में कार्य किया। उसने पुस्तकालयों से समुचित लाभ उठाया और कारखानों तथा कार्य शालाओं के विशेषज्ञों से मुलाकात की। उसने अपने प्रश्न पूछे उन से उसने बहुत कुछ सीखा और अपने प्रयोगों पर और अधिक कार्य किया।

 इन अवधि में वह थोड़े समय तक बेकार रहा और अपने एक मित्र के पास ठहरा था। वह नवयुवक एक कंपनी में कार्य कर रहा था उस कंपनी में एक संपूर्ण मशीन थी एक दिन वह मशीन एकदम चलते चलते रुक गयी। उस समय एडिशन वहां पर था उसने मशीन पर एक सृष्टि डाली और थोड़े ही समय में उस मशीन को ठीक कर दिया।

कंपनी के प्रबंधक को एडिशन का कार्य पसंद आया और उसने उसे एक अच्छी नौकरी दे दी नौकरी पाने के बाद एडिशन ने अपना कर्ज चुकाया और अपनी प्रयोगशाला को सुधारा।

अगले 6 वर्षों में एडीसन ने आविष्कारों का तांता लगा दिया अर्थात उसने अनेक आविष्कार किए। एक आविष्कार के बाद दूसरा आविष्कार शीघ्रता से आया और एडिशन को और अधिक धन तथा यश मिला।


 1877 में वह एक मशीन पर कार्य कर रहा था, जो मनुष्य की आवाज दोबारा सुना सकती थी। अगले वर्ष उसने मशीन को वास्तविक वास्तव में बना लिया। उस समय इस मशीन को बात करने वाली मशीन (Talking machine) कहा जाता था।

अब हम इसे gramophone कहते हैं। उसी वर्ष उसे वाशिंगटन में व्हाइट हाउस बुलाया गया। व्हाईट हाउस उस भवन का नाम है जहां संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.A.) के राष्ट्रपति रहते हैं। एडिसन राष्ट्रपति को अपनी नई मशीन दिखाने के लिए वहां गया। इस घटना ने उसे पूरे अमेरिका में प्रसिद्ध कर दिया। अब वह सफल और धनी था। यह सब उसकी माता की सहायता, प्रोत्साहन तथा उसके अपने कठोर परिश्रम के कारण हुआ था।

मार्च 1878 में उसने उसने बिजली के बल्ब पर कार्य करना शुरू किया। उन दिनों लोग मोमबत्तियां तथा तेल के दीपको  का प्रयोग करते थे। उनके पास बिजली की रोशनी नहीं थी एडीसन ने लोगों को दो वर्ष में बिजली की रोशनी देने का वचन दिया।
 जब उसने ऐसा कहा था तो सब वैज्ञानिक ने उन की हंसी उड़ाई मजाक उड़ाई उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है, किंतु उसके कथन से एडिसन बिल्कुल भी चिंतित नहीं हुआ। उसने और अधिक कठोर परिश्रम किया उसने 1000 प्रयोग किए परंतु वह सब बड़े योग निष्फल रहे किंतु उसने सफलता की आशा नहीं त्यागी उसने अपने मन में कहा मैं लोगों को दिए हुए अपने वचन को अवश्य पूरा करूंगा और उसने और अधिक परिश्रम किया 

वह समय पर उचित कार्य कर रहा था। वह अपनी शक्ति से अधिक परिश्रम कर रहा था। अंत में लगभग 1200 प्रयोग करने के पश्चात वह सफल हो ही गया । 
1880 में नववर्ष पर उसने और उनके कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रयोगशाला में बिजली का प्रकाश कर दिया। अमेरिका  के प्रत्येक कोने से उस शानदार दृश्य को देखने आए लोगों को दिए हुए अपने वचन को पूरा किया 4 सितंबर 1882 को पहली बार न्यूयार्क नगर बिजली के  प्रकाश से चमक उठा।

प्रथम विश्व युद्ध के समय एडिसन ने  देश की सेवा की । 


युद्ध के समय उसने 40 उनके आविष्कार किये और उसे उसकी सेवा के लिए एक पदक दिया। 1929 में बिजली के बल्ब के आविष्कार की रजत जयंती शानदार रूप से   मनाई गई । एक बड़े उत्सव में अमेरिका के राष्ट्रपति ने        एडिसन का सम्मान किया।एडिसन रास्ट्रपति को धन्यवाद देने के लिए  खड़ा हुआ किन्तु एकदम बीमार हो गया ।  

उसकी बीमारी बढ़ती गई और 18 अक्टूबर 1931 रविवार की सुबह देहांत हो गया। उसने एक बार कहा था, "मैं कभी भी ऐसा आविष्कार नहीं करूंगा जिससे जीवन का विनाश हो।" मैं लोगों को प्रसन्न बनाना चाहता हूं।" उसने यह भी कहा था,  "संसार बहुत अधिक समय से अंधकार में रहा है।  मैं संसार को और अधिक हंसी और अधिक प्रकाश देना चाहता हूं।" उसने अपने वचन को निभाया।

  उसके ग्रामोफोन ने हमे और अधिक हंसी प्रदान की है और उसके बिजली के बल्ब ने हमें और अधिक प्रकाश दिया है।
 आज हमारे देश और विश्व को एडिसन जैसे और अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता है। प्रत्येक लड़के और लड़की को उसके महान उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए। 


14 :Main Points of this Post.



1. थॉमस अल्वा एडिसन एक अमेरिकन था जिसने बिजली के बल्ब का आविष्कार किया था।


2. उसे प्रश्न पूछने का चाव था, जब तक उसे सही उत्तर नहीं मिलता था तब तक उसकी जिज्ञासा शांत नहीं होती थी, इसी आदत के कारण उसे स्कूल से निकाल दिया गया था।



3. एडिशन को अपनी माता से बहुत अधिक लगाव था क्योंकि वह धैर्य खोए बिना उसके प्रश्नों का उत्तर देती रहती थी।



4. उन्होंने कुछ मूर्खता प्रयोग किए एक बार उसने कीड़ों को पीसकर एक पिक्चर बनाकर घर की नौकरानी को दिया जिसे पीने के बाद वह बीमार पड़ गई एडिशन की माता ने उसे बहुत अधिक फटकारा और मारा और समझाया।




5. उसके पुस्तके पाने का शौक था उसने अपने घर की सारी पुस्तकें पर डाली एक पुस्तक पड़ने पर उसे अपने पिता से 25 सेंट मिलते थे।



6.  उसने रेलवे में नौकरी कर ली उसने रेलगाड़ी में फल मिठाईयां तथा अखबार बेचना प्रारंभ कर दिया।



7. धन कमा कर उसने रेल के डिब्बे में अपनी प्रयोगशाला बना ली एक बार प्रयोग करते समय फास्फोरस फर्श पर गिर पड़ा डिब्बे में आग लग गई और एडिशन को नौकरी से निकाल दिया गया।



8. एक मित्र की कंपनी की बिगड़ी हुई मशीन को ठीक कर देने पर उस कंपनी में उसे अच्छी नौकरी मिल गई उसने अपनी प्रयोगशाला में सुधार किए तथा आगामी 6 वर्षों में उसने अनेक आविष्कार किए।




9.  1878 इसवी में उसने ग्रामोफोन का आविष्कार किया इस पर इस आविष्कार से उसे बहुत प्रसिद्धि मिली।



10. मार्च 1878 में उसने बिजली का बल्ब बनाने का कार्य प्रारंभ किया 2 वर्ष में उसने अपने देशवासियों को प्रकाश देने का वचन दिया लगभग 1200 प्रयोग करके उसने 1882 ईस्वी में नव वर्ष के दिन अपनी प्रयोगशाला को बिजली के बल्ब से बिजली के प्रकाश से जगमग आ दिया।



11. उसने लोगों को दिए हुए वचन को पूरा कर दिखाया 4 सितंबर 1882 ईसवी को पहली बार न्यूयॉर्क नगर बिजली के प्रकाश से चमक उठा।



12. 1929 ईस्वी में बिजली के बल्ब की रजत जयंती मनाई गई राष्ट्रपति ने उसका सम्मान किया।



13. राष्ट्रपति को धन्यवाद देने के लिए जैसे ही वह खड़ा हुआ वैसे ही वह एकदम बीमार पड़ गया।



14. 18 अक्टूबर 1931 ईस्वी को रविवार के दिन एडिसन की मृत्यु हो गई उसकी मृत्यु पर अमेरिका में बिजली बंद कर दी गई थी।



Act-1 को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...  
The inventor who kept his promise Act-1






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