THE INVENTOR WHO KEPT HIS PROMISE-Thomas Alva Edison थामस एल्वा एडिसन (वह वैज्ञानिक जिसने अपना वचन निभाया)



ब हम रात में पढ़ना चाहते है। तब हम केवल एक बटन दबा देते हैं और बिजली का बल्ब हमें रोशनी प्रदान करने लगता  है।
क्या हमें, आप, या सबको यह ज्ञात है कि बिजली के बल्ब का आविष्कार किसने किया था? वह व्यक्ति एक अमेरिकन था जिसका नाम थामस एल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison) था।

Act-1



अपने बचपन से ही एडिशन को प्रयोग करना अच्छा लगता था। उन्हें प्रश्न पूछने का शौक था और जब तक उन्हें ठीक उत्तर नहीं मिल पाते थे, तब तक वह संतुष्ट नहीं होते थे। उनके बचपन की बहुत- सी कहानियां है और यहां पर उनमें से कुछ का वर्णन हम आपको बताने जा रहे हैं।



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एक दिन जब वह छोटा था और स्कूल में पढ़ता था, उसकी अध्यापिका बच्चों को पक्षियों के विषय में बता रही थी। वह खड़ा हो गया और उसने अपनी अध्यापिका से पूछा, "मैडम, मनुष्य पक्षी की तरह क्यों नहीं उड़ सकता ?"

उसकी अध्यापिका ने उत्तर दिया, "क्योंकि मनुष्य के पंख नहीं होते हैं।"
छोटे बच्चे (एडीसन) ने कुछ समय तक सोचा और उसने पुनः प्रश्न किया, "किंतु पतंगों (Kites) के पंख नहीं होते हैं फिर भी हम उन्हें हवा में उड़ा सकते हैं।"
सब बच्चे हंसने लगे और अध्यापिका अपना धैर्य खो बैठी। उसने सोचा कि यह लड़का मूर्ख और नटखट है और उसने उसके के माता-पिता से उसे स्कूल से ले जाने के लिए कहा। उसके माता-पिता उसे स्कूल से ले गए किंतु वे जानते थे कि वह मूर्ख नहीं है। यह घटना उस समय घटित हुई थी जबकि एडिशन 8 वर्ष का था।


छोटे बच्चे एडिशन को अपनी माता सबसे अच्छी अध्यापिका लगी। वह उसके सब प्रश्नों का उत्तर धैर्यपूर्वक देती थी अर्थात उसके प्रश्नों को सुन कर वह मस्तिष्क का संतुलन नहीं खो बैठती थी। अपनी माता की सहायता तथा निर्देशन में एडिशन ने अच्छी उन्नति की।

 वह वस्तुओं और घटनाओं का अवलोकन बहुत सावधानी के साथ किया करता था और बहुत- से प्रयोग (Experiment) किया करता था। उसके कुछ प्रयोग मूर्खतापूर्ण होते थे किंतु उसने उन प्रयोगों से बहुत कुछ सीखा।

एक दिन सुबह के समय वह एक चिड़िया (पक्षी) को देख रहा था। वह उड़कर पृथ्वी पर आई, उसने कुछ कीड़ों को अपनी चोंच में पकड़ा और उड़ गई। इस घटना में एडिशन को एक विचार दिया। "यह पक्षी उड़ सकता है क्योंकि यह कीड़े खाता है।
मनुष्य भी उड़ सकता है, यदि वह कीड़े खाने लगे।" उसने अपने मन में कहा। वह इस प्रयोग को किसी पर करके देखना चाहते थे।
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 उन्होंने कुछ कीड़ों को पकड़कर उनकी लुगदी (चटनी) बनाया और उसे पानी में घोल दिया।

यह मिश्रण लेकर वह लड़की (नौकरानी) के पास गए और उससे कहा, "यह एक अद्भुत मिश्रण है। अगर तुम इसे पी लोगी तो तुम एक चिड़िया की तरह उड़ने लगोगी आओ इसे पी कर देखो।"
बेचारी लड़की ने उसका विश्वास कर लिया और मिक्सचर को पी लिया।हाँ, वह उड़ तो नही सकी, बल्कि बीमार हो गयी। नव युवक एडिसन की माता ने उसे ऐसे मूर्खतापूर्ण प्रयोग न करने की चेतावनी दी।

एक बार वह अपनी माता के साथ मुर्गीपालन केंद्र गया। वहाँ उसने एक मुर्गी देखी। वह अपने अण्डों पर बैठी हुई थी।
उसने ने इसके बारे में पूछा। उसने उत्तर, दिया "यह मुर्गी अंडे से रही है कुछ समय बाद इन अंडों से मुर्गी के बच्चे निकलेंगे।" नवयुवक एडिसन ने विचार किया, "मैं अंडे क्यों नहीं से सकता हूं?" दूसरे दिन उसने एक दर्जन अंडे लिए और वह उन पर बैठ गया।

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कुछ समय के बाद वह उन अंगों पर से उठ बैठा किंतु उसे एक भी चूजा (मुर्गी का बच्चा) नहीं मिला। उसने वे अंडे तोड़ डाले थे और अपना नेकर भी खराब कर लिया था। उस दिन उसकी माता ने उसको बहुत पीटा।
 क्या वह विचित्र बालक नहीं था? वह इन सब प्रयोगों में असफल हुआ किंतु उसने इन प्रयोगों से कुछ सीखा भी था।

 उसे ज्ञात हुआ था कि उसके विचार गलत थे उसे पढ़ने का शौक था और उसने काफी पुस्तकें पढ़ी हुई थी।
उसके पिता उसे प्रत्येक उस पुस्तक के लिए 25 सेंट देते थे जो वह पढ़ता था। उसका अध्ययन विस्तृत था और जो जेब खर्च उसे मिलता था, उससे वह और अधिक पुस्तकें खरीदता था। और उसने एक छोटी-सी प्रयोगशाला बनाई। उसकी माता उसका उत्साह बढ़ाती थी और प्रयोगों में उसकी सहायता करती थी।

दोस्तों Act-1 समाप्त हुए
एक्ट-2 को पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें 
The Inventor who Kept His Promise Act-2



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